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आंखों का लाल होना: एक गंभीर समस्या का संकेत

आंखों का लाल होना एक आम समस्या है, जिसका सामना अधिकांश लोग अपने जीवन में कभी न कभी करते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कुछ मामूली होते हैं और कुछ गंभीर भी हो सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली और साफ-सफाई अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है, लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो चिकित्सीय सलाह लेना जरूरी हो जाता है। अन्यथा, यह आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।

आंखों के लाल होने के कारण

आंखों के सफेद भाग की महीन रक्त नलिकाओं के फैलने और उनमें सूजन आने से आंखें लाल हो जाती हैं। इसे रेड आई या ब्लड शॉट्स आईस भी कहा जाता है। यह समस्या एक या दोनों आंखों में हो सकती है और इसके साथ निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं:

  • जलन
  • चुभन
  • खुजली
  • ड्रायनेस
  • दर्द
  • आंखों से पानी आना
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  • धुंधला दिखाई देना

कुछ मामलों में केवल आंखें लाल हो जाती हैं और अन्य लक्षण नहीं होते हैं।

आंखों के लाल होने के सामान्य कारण

  1. एलर्जी
  2. आंखों की थकान
  3. वायु प्रदूषण
  4. धूल-मिट्टी
  5. रसायनों का अत्यधिक एक्सपोज़र
  6. सूरज की रोशनी का अत्यधिक एक्सपोज़र
  7. लंबे समय तक कांटेक्ट लेंस का उपयोग
  8. आंखों का संक्रमण (कंजक्टिवाइटिस)
  9. आंखों की गंभीर समस्याएं (ग्लुकोमा)
  10. आंखों में चोट
  11. कार्नियल अल्सर
  12. हाल में हुई आंखों की सर्जरी
  13. अस्वस्थ जीवनशैली (धुम्रपान, शराब, गैजेट्स का अधिक उपयोग, नींद की कमी)

कब डॉक्टर से संपर्क करें

अधिकतर मामलों में डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन अगर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • लालपन की समस्या एक सप्ताह से अधिक समय तक रहे
  • प्रकाश के प्रति अति-संवेदनशीलता
  • आंखों से डिस्चार्ज निकलना
  • धुंधला दिखाई देना
  • आंखों में तेज दर्द होना

उपचार के विकल्प

डायग्नोसिस के बाद ही पता चलता है कि आंखों के लाल होने का कारण क्या है और इसके आधार पर उपचार किया जाता है।

घरेलु उपाय

  1. वार्म कम्प्रेस: एक टॉवेल को कुनकुने पानी में भिगोकर निचोड़ लें और 10-15 मिनट के लिए आंखों पर रखें।
  2. कूल कम्प्रेस: ठंडे पानी में टॉवेल को भिगोकर निचोड़ लें और थोड़े समय के लिए आंखों पर रखें।
  3. आर्टिफिशियल टियर्स: डॉक्टर की सलाह पर उपयोग करें, यह आंखों को ल्युब्रिकेट करने में मदद करता है।
  4. कांटेक्ट लेंसों का उपयोग बंद करें: अगर कांटेक्ट लेंस की वजह से समस्या हो रही है तो डॉक्टर की सलाह पर ही दोबारा उपयोग करें।

दवाईयां

  • एलर्जी के कारण होने वाली समस्या के लिए एंटीहिस्टामिन या कार्टिसोन आई ड्रॉप्स और आई जेल का उपयोग।
  • बैक्टीरिया के संक्रमण (कंजक्टिवाइटिस) के लिए एंटीबायोटिक्स।
  • सूजन कम करने के लिए स्टेरॉइड्स का उपयोग।

अन्य उपचार

ग्लुकोमा या ट्युमर के कारण होने वाली समस्या का विशेष उपचार किया जाता है।

बचाव के उपाय

  1. हाथों को धोएं।
  2. कांटेक्ट लेंस का सही उपयोग और सफाई।
  3. आंखों के लिए हानिकारक गतिविधियों से बचें।
  4. रसायनों और हानिकारक पदार्थों से दूरी बनाए रखें।
  5. पानी या आईवॉश से आंखों की सफाई करें।
  6. डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी आई ड्रॉप न डालें।
  7. कांटेक्ट लेंस की बजाय चश्मे का उपयोग करें।
  8. गॉगल्स पहनें।

आंखों को स्वस्थ रखने के टिप्स

  1. संतुलित और पोषक भोजन का सेवन।
  2. 6-8 घंटे की नींद लें।
  3. पानी और तरल पदार्थों का अधिक सेवन।
  4. स्विमिंग गॉगल्स का उपयोग।
  5. एसी में अधिक देर न रहें।
  6. आंखों को ठंडे पानी से धोएं।
  7. मेकअप को निकालकर सोएं।
  8. अपने टॉवेल, रूमाल, तकिए या मेकअप के सामान साझा न करें।

इन उपायों को अपनाकर आंखों की देखभाल करें और उन्हें स्वस्थ रखें। अगर समस्या गंभीर हो तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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